JAMSHEDPUR झारखंड का एक प्रमुख शहर, जो हाल ही में भारी बारिश की चपेट में आ गया है। 19 जून 2025 को शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने शहर और आसपास के क्षेत्रों में हड़कंप मचा दिया। इस प्राकृतिक आपदा ने न केवल जनजीवन को प्रभावित किया, बल्कि देश के प्रमुख रेल मार्गों में से एक, हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग को भी पूरी तरह ठप कर दिया। रेलवे प्रशासन को मजबूरन 25 ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं, जबकि कई अन्य ट्रेनों के मार्ग बदल दिए गए।

भारी बारिश का कार

जमशेदपुर में इस वर्ष मानसून ने समय से पहले आ गया। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने 13-14 जून 2025 को झारखंड में प्रवेश किया, जो सामान्य से एक दिन देर से था। हालांकि, मानसून की ने जल्द ही पूरे राज्य में अपना असर दिखाना शुरू कर दिया। जमशेदपुर में 18 जून से बारिश की शुरुआत हुई, जो 19 जून को मूसलाधार बारिश में बदल गई। मौसम विभाग ने झारखंड के लिए Yellow Alert जारी किया था, जिसमें भारी बारिश और गरज-चमक के साथ तेज हवाओं की चेतावनी दी गई थी।

इस बारिश के कारण बंगाल की खाड़ी में बने एक दाब क्षेत्र (Low Pressure Area) और दो चक्रवाती  (Cyclonic Systems) को माना जा रहा है। ये मौसमी सिस्टम झारखंड, बिहार, और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश के लिए जिम्मेदार रहे। जमशेदपुर में पिछले 24 घंटों 100 मिमी से अधिक बारिश हुई है। जिसके कारण शहर के निचले इलाकों और रेलवे ट्रैकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई।


हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग पर प्रभाव

हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग, जिसे दक्षिण पूर्व रेलवे के अंतर्गत संचालित किया जाता है, देश का एक महत्वपूर्ण रेल गलियारा है। यह मार्ग कोलकाता को मुंबई से जोड़ता है और प्रतिदिन लाखों यात्रियों के साथ-साथ माल परिवहन के लिए भी उपयोग किया जाता है। जमशेदपुर का टाटानगर रेलवे स्टेशन इस मार्ग का एक प्रमुख जंक्शन है, जहां से कई ट्रेनें गुजरती हैं।

19 जून 2025 को भारी बारिश के कारण टाटानगर और आदित्यपुर रेलवे आउटर ट्रैक पर जलजमाव हो गया। रेलवे यार्ड में पानी भरने से ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह रुक गया। रेलवे प्रशासन ने बताया कि टाटानगर स्टेशन के रेलवे यार्ड में जलभराव के कारण 25 यात्री ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं। इसके अलावा, कई ट्रेनों के मार्ग को डायवर्ट करना पड़ा, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।


रद्द की गई प्रमुख ट्रेनें

रेलवे प्रशासन ने जिन 25 ट्रेनों को रद्द किया, उनमें कुछ प्रमुख ट्रेनें शामिल थीं,

 हावड़ा-बड़बिल जनशताब्दी एक्सप्रेस: यह ट्रेन 20, 21, 23, और 24 जून को रद्द।

टाटानगर-खड़गपुर पैसेंजर: 19 से 24 जून तक रद्द।
टाटानगर-खड़गपुर मेमू: 20 जून को रद्द।


डायवर्ट की गई ट्रेनें

कई ट्रेनों के मार्ग को बदल दिए गए।

संभलेश्वरी एक्सप्रेस: पुरुलिया के रास्ते हावड़ा भेजी गई।

मुंबई-हावड़ा मेल और दुरंतो एक्सप्रेस: सीनी और पुरुलिया के रास्ते डायवर्ट की गईं।


सालगाझुड़ी में थर्ड लाइन का कार्य

जलभराव के अलावा, सालगाझुड़ी स्टेशन पर थर्ड लाइन के निर्माण कार्य ने भी ट्रेन परिचालन को प्रभावित किया। इस कार्य के लिए लाइन ब्लॉक किए गए थे, जिसके कारण हावड़ा-बड़बिल जनशताब्दी एक्सप्रेस सहित 20 से अधिक ट्रेनें रद्द की गईं। यह कार्य बारिश के कारण और भी मुश्किल हो गया।


यात्रियों की परेशानी

ट्रेनों के रद्द होने और मार्ग परिवर्तन से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। टाटानगर रेलवे स्टेशन पर हजारों यात्री फंसे रहे, जिनमें से कई अपने अस्थान तक पहुंचने के लिए अन्य साधनों की तलाश में थे। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा के लिए बस सेवाएं शुरू कीं, लेकिन यह व्यवस्था भीड़ को संभालने के लिए अपर्याप्त थी।

कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त की, जिसमें उन्होंने रेलवे की तैयारियों और सूचना प्रसार पर सवाल उठाए।

कुछ यात्रियों ने जलभराव की स्थिति को रेलवे की लापरवाही का नतीजा बताया, क्योंकि ट्रैकों के आसपास भरे पानी को बाहर निकलने के लिए उचित व्यवस्था नहीं थी।

रेलवे ने यात्रियों को उनके किराए का रिफंड दिया गया और कुछ रूट्स पर बसों का इंतजाम किया। हालांकि, भारी बारिश के कारण सड़क यातायात भी प्रभावित था, जिसने यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ा दीं।

झारखंड सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू किए। स्थानीय प्रशासन ने बस्तियों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और (NDMA) की टीमें भी क्षेत्रों में तैनात की गईं, जो जलभराव वाले इलाकों से पानी निकालने और लोगों को बचाने में मदद कर रही थीं।