ISRAEL और IRAAN के बीच तनाव अब पूरी तरह से जंग में बदल चुका है। दोनों देशों के बीच पिछले पांच दिनों से मिसाइलों और हवाई हमलों का सिलसिला जारी है। ईरान के बड़े नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने बुधवार को जंग का ऐलान कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "हम इजरायल को करारा जवाब देंगे, कोई रहम नहीं बरतेंगे।" दूसरी ओर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेहरान के लोगों को शहर खाली करने की चेतावनी दी है, जिससे इलाके में तनाव और डर का माहौल है।
जंग में मरने वालों की संख्या बढ़ी
इजरायल के हमलों में अब तक ईरान में 585 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1326 लोग घायल हुए हैं। एक अमेरिकी मानवाधिकार संगठन के मुताबिक, इनमें 239 आम नागरिक और 126 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। वहीं, ईरान की मिसाइलों से इजरायल में भी भारी नुकसान हुआ है। इजरायल में 24 लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं। तेहरान और तेल अवीव जैसे बड़े शहरों में लोग बंकरों में छिपने को मजबूर हैं। इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर साइट और सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिससे ईरान को बड़ा झटका लगा है।
खामेनेई का ऐलान, ईरान ने दागी 25 मिसाइलें
खामेनेई ने अपने ऐलान के बाद इजरायल पर 25 मिसाइलें दागने का आदेश दिया। इनमें सुपरसोनिक मिसाइलें भी शामिल थीं, जो तेल अवीव और जेरूसलम जैसे शहरों को निशाना बनाकर दागी गईं। इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली ने कई मिसाइलों को नाकाम किया, लेकिन कुछ हमलों ने नुकसान पहुंचाया। इजरायल ने जवाब में तेहरान के हवाई क्षेत्र पर कब्जा करने का दावा किया और ईरान के सैन्य ठिकानों पर रातभर हमले किए।
ट्रंप की चेतावनी और अमेरिका की तैयारी
America के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने इस जंग में सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने तेहरान के लोगों को शहर छोड़ने की चेतावनी दी और कहा, "ईरान को बिना शर्त आत्मसमर्पण करना होगा।" ट्रंप ने जी-7 सम्मेलन को बीच में छोड़कर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई। अमेरिका ने पश्चिमी एशिया में दर्जनों लड़ाकू विमान तैनात किए हैं, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह इस जंग में इजरायल का साथ दे सकता है। हालांकि, ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर ईरान परमाणु हथियार बनाने से पीछे हटे तो बातचीत का रास्ता खुल सकता है।
तेहरान में दहशत, लोग शहर छोड़ रहे हैं
इजरायल के हमलों और ट्रंप की चेतावनी के बाद तेहरान में डर का माहौल है। सड़कों पर लंबी कतारें लगी हैं, लोग अपने परिवारों के साथ सुरक्षित जगहों की तलाश में भाग रहे हैं। ईरान की सरकारी इमारतें, सैन्य ठिकाने और तेल सुविधाएं इजरायल के निशाने पर हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि रातभर विस्फोटों की आवाजें सुनाई देती हैं, जिससे नींद उड़ गई है।
अंतरराष्ट्रीय समूह की चुप्पी
इस जंग को लेकर दुनिया भर में चिंता बढ़ रही है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। जी-7 देशों ने संघर्ष रोकने की अपील की, लेकिन ट्रंप ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी (IAEA) ने ईरान की परमाणु सुविधाओं को हुए नुकसान की पुष्टि की है। रूस और चीन जैसे देश भी इस मामले में खामोश हैं, जिससे ईरान अलग-थलग पड़ता दिख रहा है।
क्या है जंग की वजह?
इजरायल का कहना है कि वह ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकना चाहता है। उसने ईरान की परमाणु सुविधाओं और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। दूसरी ओर, ईरान का दावा है कि इजरायल क्षेत्र में अस्थिरता फैला रहा है। यह जंग ऐसे वक्त में शुरू हुई है, जब ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु समझौते को लेकर बातचीत चल रही थी। अब यह साफ है कि दोनों देशों के बीच तनाव कम होने की बजाय और बढ़ गया है।
जंग का यह सिलसिला कब रुकेगा, यह कहना मुश्किल है। दोनों देश एक-दूसरे पर हमले तेज कर रहे हैं। अगर अमेरिका खुलकर इजरायल का साथ देता है, तो यह जंग और भयानक रूप ले सकती है। दुनिया की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या कोई देश या संगठन इस संघर्ष को रोकने के लिए या फिर यह युद्ध पूरे मध्य पूर्व को अपनी चपेट में ले लेगा।