मध्य पूर्व में तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। ईरान और इजरायल के बीच सालों से चली आ रही तनातनी अब खुली जंग में बदलती नजर आ रही है। गुरुवार सुबह ईरान ने इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया, जिसमें दक्षिणी इजरायल के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य केंद्रों में से एक, सोरोका मेडिकल सेंटर को निशाना बनाया गया। इस हमले में अस्पताल को भारी नुकसान पहुंचा है, कई लोग घायल हुए हैं, और इलाके में दहशत का माहौल है। इजरायल के विदेश मंत्रालय ने इस हमले की पुष्टि की है, जिसने न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल दिया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी चिंता पैदा कर दी है।
सोरोका मेडिकल सेंटर: एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य केंद्र
सोरोका मेडिकल सेंटर, जो बीरशेबा शहर में स्थित है, दक्षिणी इजरायल का सबसे बड़ा अस्पताल है। यह लगभग 10 लाख लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है और यहूदी, मुस्लिम, ईसाई, और अरब बेडौइन समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह अस्पताल न केवल सामान्य चिकित्सा सेवाएं देता है, बल्कि आपातकालीन स्थिति, जैसे युद्ध या आतंकी हमलों के दौरान, घायलों के इलाज में भी अहम भूमिका निभाता है।
हमले के बाद अस्पताल के एक प्रवक्ता ने बताया, “ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों ने हमारे अस्पताल के कई हिस्सों को निशाना बनाया। इमारत के कुछ हिस्से पूरी तरह बरबाद हो गए हैं, और हम अभी नुकसान का आकलन कर रहे हैं। कई लोग घायल हुए हैं, और हमारी मेडिकल टीमें दिन-रात उनकी देखभाल में जुटी हैं।” प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को फिलहाल दूसरी जगहों पर भेजा जा रहा है, और आम लोगों से अस्पताल आने से बचने की अपील की गई है।
हमले की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिनमें अस्पताल की क्षतिग्रस्त इमारत, टूटे हुए शीशे, और धुआं उठता दिखाई दे रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हमले के बाद सायरन की आवाजें गूंज रही थीं, और लोग अपनी जान बचाने के लिए बम शेल्टरों की ओर भाग रहे थे।
सोरोका मेडिकल सेंटर का महत्व
सोरोका मेडिकल सेंटर पर हमला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि यह एक नागरिक ठिकाना है। अंतरराष्ट्रीय युद्ध नियमों के अनुसार, अस्पतालों और स्कूलों जैसे नागरिक ठिकानों पर हमला करना युद्ध अपराध माना जाता है। इस हमले ने ईरान की रणनीति पर सवाल उठाए हैं और इजरायल को अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने का मौका दिया है।
अस्पताल के कर्मचारियों और मरीजों की कहानियां दिल दहला देने वाली हैं। एक नर्स, जिसने अपना नाम नहीं बताया, ने कहा, “हम मरीजों का इलाज कर रहे थे तभी धमाका हुआ। सब कुछ हिल गया, और हमें लगा कि इमारत गिर जाएगी। लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी और मरीजों को सुरक्षित जगह ले गए।”
इजरायल की प्रतिक्रिया
हमले के तुरंत बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई, जिसमें सैन्य और खुफिया अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद नेतन्याहू ने एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, “ईरान ने हमारे नागरिकों और महत्वपूर्ण ढांचे को निशाना बनाकर बहुत बड़ी गलती की है। हम इसका करारा जवाब देंगे। हमारी सेना पूरी तरह तैयार है, और हम अपने लोगों की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे।”
आईडीएफ ने भी बयान जारी कर कहा कि वह ईरान के ठिकानों पर जवाबी हमले की योजना बना रहा है। सूत्रों के अनुसार, इजरायल ने अपनी वायु सेना को हाई अलर्ट पर रखा है, और अगले कुछ घंटों में ईरान के सैन्य ठिकानों पर बड़े हमले हो सकते हैं।
इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने कहा, “यह हमला दिखाता है कि ईरान कितना खतरनाक है। हम अपने दुश्मनों को कोई रियायत नहीं देंगे।” उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर ईरान ने दोबारा ऐसी हरकत की तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
सोरोका मेडिकल सेंटर पर हमले ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी हिलाकर रख दिया है। अमेरिका, जो इजरायल का सबसे बड़ा सहयोगी है, तुरंत इजरायल के समर्थन में बयान जारी किया। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, “हम अपने सहयोगी इजरायल के साथ खड़े हैं। ईरान का यह हमला अस्वीकार्य है, और हम इजरायल की रक्षा के लिए हरसंभव मदद करेंगे।”
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने कहा, “मध्य पूर्व पहले से ही कई संकटों से जूझ रहा है। इस तरह के हमले स्थिति को और बदतर बना सकते हैं। हम सभी पक्षों से शांति और बातचीत का रास्ता अपनाने की अपील करते हैं।”
रूस और चीन ने भी इस हमले पर चिंता जताई है, लेकिन दोनों ने किसी एक पक्ष का खुलकर समर्थन नहीं किया। रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम क्षेत्र में बढ़ते तनाव से चिंतित हैं। सभी देशों को ऐसी कार्रवाइयों से बचना चाहिए जो स्थिति को और खराब करें।”
भारत, जो मध्य पूर्व में अपनी बड़ी आबादी और आर्थिक हितों के कारण चिंतित है, ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सलाह जारी की। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ईरान और इजरायल में रहने वाले भारतीयों से सतर्क रहने और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने को कहा।