भारतीय क्रिकेट टीम आज एक नए युग की शुरुआत करने जा रही है। रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दो दिग्गज खिलाड़ियों के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद यह पहला मौका है, जब भारतीय टीम बिना इनके मैदान पर उतरेगी। यह सीरीज न केवल भारत के लिए एक नई चुनौती है, बल्कि यह ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2025-27 की शुरुआत भी है। इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की यह सीरीज लीड्स के हेडिंग्ले क्रिकेट ग्राउंड से शुरू हो रही है, और सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि नई कप्तान शुभमन गिल की कैप्टेंसी में यह युवा भारतीय टीम कैसा प्रदर्शन करती है।

एक नई शुरुआत

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं, जिनका नाम सुनते ही प्रशंसकों के चेहरों पर गर्व की मुस्कान आ जाती है। रोहित शर्मा और विराट कोहली उनमें से दो ऐसे नाम हैं, जिन्होंने पिछले एक दशक में भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। रोहित की शानदार सलामी बल्लेबाजी और कोहली की आक्रामक कप्तानी ने भारत को कई यादगार जीत दिलाईं। लेकिन अब, जब ये दोनों टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं, भारतीय टीम के सामने एक नई चुनौती है। यह सीरीज न केवल नए खिलाड़ियों के लिए मौका है, बल्कि यह शुभमन गिल और कोच गौतम गंभीर के लिए भी अपनी काबिलियत साबित करने का अवसर है।

शुभमन गिल, जो मात्र 25 साल की उम्र में भारत के 37वें टेस्ट कप्तान बने हैं, अब उस विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उठा रहे हैं, जो सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और विराट कोहली जैसे दिग्गजों ने बनाई है। गिल ने गुजरात टाइटंस के साथ आईपीएल में अपनी कप्तानी का लोहा मनवाया है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट का दबाव बिल्कुल अलग है। इंग्लैंड की मुश्किल परिस्थितियों में, जहां गेंद स्विंग और सीम करती है, गिल की अग्निपरीक्षा होगी।


रोहित और कोहली की कमी

रोहित शर्मा और विराट कोहली ने भारतीय टेस्ट क्रिकेट को अपनी छाप छोड़ी है। रोहित ने अपनी शानदार बल्लेबाजी से नई गेंद को संभालने का तरीका बदला,इन दोनों ने मिलकर टेस्ट और टी20 क्रिकेट में 21,950 रन बनाए और छह आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में भारत का प्रतिनिधित्व किया। 2024 में टी20 वर्ल्ड कप और 2025 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर इन्होंने भारत का आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म किया। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में इनका अंत कुछ निराशाजनक रहा। 2023-25 डब्ल्यूटीसी साइकिल में भारत फाइनल में जगह नहीं बना सका, और न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-0 की हार ने कई सवाल खड़े किए।
रोहित और कोहली की गैरमौजूदगी में भारतीय बल्लेबाजी की जिम्मेदारी अब केएल राहुल, यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल जैसे खिलाड़ियों पर है।

केएल राहुल, जो 33 साल की उम्र में इस टीम के सबसे अनुभवी बल्लेबाज हैं, ने इंग्लैंड के खिलाफ 13 टेस्ट में 955 रन बनाए हैं, जिसमें तीन शतक शामिल हैं। लेकिन उनकी असंगति हमेशा से चिंता का विषय रही है। दूसरी ओर, यशस्वी जायसवाल अपनी आक्रामक शैली के लिए जाने जाते हैं और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनकी बल्लेबाजी ने सबका ध्यान खींचा था। गिल, जो अब कप्तान और नंबर चार पर बल्लेबाजी करेंगे, को भी अपनी बल्लेबाजी में स्थिरता लानी होगी।


गेंदबाजी का दारोमदार बुमराह पर

जसप्रीत बुमराह इस भारतीय टीम के सबसे बड़े हथियार हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हालिया बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 32 विकेट लेने वाले बुमराह इंग्लैंड में भी भारत की गेंदबाजी की अगुवाई करेंगे। 2021 के इंग्लैंड दौरे पर बुमराह ने 23 विकेट लिए थे और उनकी रफ्तार, स्विंग ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को खूब परेशान किया था। हालांकि, चिंता की बात यह है कि बुमराह शायद पूरी सीरीज न खेलें, क्योंकि उनकी पीठ की चोट बार-बार परेशान करती रही है।

बुमराह के साथ मोहम्मद सिराज और प्रसीद कृष्णा तेज गेंदबाजी आक्रमण का हिस्सा होंगे। सिराज की आक्रामकता और कृष्णा की उछाल वाली गेंदबाजी इंग्लैंड की बल्लेबाजी को चुनौती दे सकती है। स्पिन विभाग में रविंद्र जडेजा अकेले दम पर जिम्मेदारी संभालेंगे, क्योंकि रविचंद्रन अश्विन ने भी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। जडेजा की ऑलराउंड क्षमता भारत के लिए महत्वपूर्ण होगी, खासकर उन पिचों पर जहां स्पिनरों को मदद मिलने की उम्मीद कम है।
इंग्लैंड की चुनौती

इंग्लैंड की टीम भी इस सीरीज में पूरी ताकत के साथ उतरेगी। बेन स्टोक्स की कप्तानी में इंग्लैंड ने "बैजबॉल" की आक्रामक शैली अपनाई है, जिसने टेस्ट क्रिकेट को एक नया रंग दिया है। 2022 में न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज के बाद से इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन वे अभी तक डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह नहीं बना सके हैं। इस बार, उनके पास घरेलू मैदानों का फायदा है, और वे इस सीरीज को जीतकर नई साइकिल की शुरुआत शानदार तरीके से करना चाहेंगे।

इंग्लैंड की बल्लेबाजी में जो रूट, बेन स्टोक्स, हैरी ब्रूक और ओली पोप जैसे खिलाड़ी हैं, जो किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को ध्वस्त कर सकते हैं। गेंदबाजी में क्रिस वोक्स, ब्रायडन कार्स और जोश टंग जैसे तेज गेंदबाजों के साथ शोएब बशीर जैसे युवा स्पिनर भारत के लिए खतरा बन सकते हैं। खासकर हेडिंग्ले की पिच, जो शुरू में तेज गेंदबाजों को मदद करती है, भारत के लिए पहली चुनौती होगी।

भारत वर्सेस इंग्लैंड टेस्ट सीरीज 2025 न केवल एक क्रिकेट मुकाबला है, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के एक नए युग की शुरुआत है।