राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में मौसम अब पूरी तरह से करवट लेने को तैयार है। मानसून ने दिल्ली-एनसीआर को तीन तरफ से घेर लिया है, और मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक तेज से लेकर बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली के साथ-साथ मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात और राजस्थान के बड़े हिस्सों में भी मूसलाधार बारिश की संभावना जताई गई है। इस बार मानसून ने लोगों को गर्मी और उमस से राहत देने का वादा किया है, लेकिन इसके साथ ही कई चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं।
मानसून का आगमन और मौसम का मिजाज
पिछले कुछ हफ्तों से दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में गर्मी और उमस ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा था। दिन का तापमान 40 डिग्री के आसपास और रात में भी उमस भरी गर्मी ने नींद हराम कर दी थी। लेकिन अब मानसून की बारिश ने मौसम को सुहाना करने की उम्मीद जगाई है। मौसम विभाग के अनुसार, मानसून की ट्रफ लाइन अब दिल्ली के करीब पहुंच चुकी है, जिसके चलते बारिश की गतिविधियां तेज हो रही हैं। खास तौर पर दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा जैसे एनसीआर के इलाकों में अगले 48 से 72 घंटों में अच्छी बारिश होने की संभावना है। कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश भी हो सकती है, जिसके लिए अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार मानसून समय से पहले दिल्ली पहुंचा है। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल में जून की शुरुआत में ही दस्तक दे दी थी, और अब यह उत्तर भारत के कई हिस्सों में सक्रिय हो चुका है। दिल्ली में मानसून आमतौर पर जून के आखिरी हफ्ते में पहुंचता है, लेकिन इस बार इसकी गति तेज रही। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "मानसून की सक्रियता के कारण दिल्ली और आसपास के इलाकों में अगले कुछ दिन बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। कुछ जगहों पर तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश भी हो सकती है।"
क्या होगा असर?
मानसून की इस बारिश से जहां एक तरफ गर्मी से राहत मिलेगी, वहीं दूसरी तरफ कई चुनौतियां भी सामने आएंगी। दिल्ली और एनसीआर के शहरों में हर साल बारिश के मौसम में जलभराव और ट्रैफिक जाम की समस्या आम हो जाती है। खासकर निचले इलाकों में पानी भरने और सड़कों पर ट्रैफिक रुकने की शिकायतें हर बार सामने आती हैं। दिल्ली नगर निगम (MCD) और अन्य स्थानीय प्रशासन को पहले से ही नालों की सफाई और जल निकासी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन हर साल की तरह इस बार भी लोगों को डर है कि कहीं सड़कें फिर से तालाब न बन जाएं।
किसानों के लिए राहत की बारिश
मानसून की यह बारिश खासकर किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में खेती के लिए पानी की सख्त जरूरत थी। धान, मक्का और अन्य फसलों की बुवाई के लिए यह बारिश बहुत जरूरी है। हरियाणा के सोनीपत के एक किसान रामपाल ने कहा, "पिछले कुछ सालों से बारिश कम होने की वजह से खेती में दिक्कत हो रही थी। इस बार अच्छी बारिश की उम्मीद है, जिससे फसल अच्छी होगी।"
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी मानसून की सक्रियता से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। इन राज्यों में कई जगहों पर पहले ही अच्छी बारिश हो चुकी है, और अब और बारिश होने से खेती को और फायदा होगा। हालांकि, कुछ इलाकों में बहुत ज्यादा बारिश से बाढ़ का खतरा भी बना हुआ है, जिसके लिए स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने की जरूरत है।
लोगों का क्या है कहना?
दिल्ली और एनसीआर के लोग इस बारिश का स्वागत तो कर रहे हैं, लेकिन साथ ही जलभराव और ट्रैफिक की समस्याओं को लेकर चिंतित भी हैं। रोहिणी में रहने वाले अमित शर्मा ने कहा, "गर्मी से तो राहत मिलेगी, लेकिन सड़कों पर पानी जमा होने की वजह से हर बार परेशानी होती है। प्रशासन को चाहिए कि नालों की सफाई समय पर करे।" वहीं, नोएडा की रहने वाली प्रिया मेहता ने बताया, "मुझे बारिश बहुत पसंद है, लेकिन ऑफिस जाने में दिक्कत होती है। उम्मीद है इस बार सड़कें ज्यादा खराब न हों।"
कुछ लोग बारिश को मौज-मस्ती का मौका भी मान रहे हैं। दिल्ली के कॉलेज स्टूडेंट्स में बारिश का अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है। दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा नेहा ने कहा, "बारिश का मौसम मेरे लिए चाय और पकौड़ों का समय है। दोस्तों के साथ बारिश में भीगने का मजा ही अलग है।"