देश के कई हिस्सों में मानसून ने अपनी रफ्तार पकड़ ली है, लेकिन यह बारिश जहां कुछ जगहों पर राहत लेकर आई है, वहीं कई राज्यों में यह आफत बनकर बरस रही है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे प्रशासन और आम लोग सतर्क हो गए हैं।
हिमाचल और उत्तराखंड में भारी तबाही
हिमाचल प्रदेश में मानसून ने भयंकर रूप ले लिया है। कुल्लू, कांगड़ा और मंडी जैसे जिलों में बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं, जिसके कारण अचानक बाढ़ ने कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया। खबरों के मुताबिक, कुल्लू के सैंज और मणिकर्ण क्षेत्र में बादल फटने से कई घर बह गए और कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। करीब 20 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। व्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से सड़कें और छोटे पुल टूट गए हैं, जिससे कई इलाकों का संपर्क टूट गया है।
उत्तराखंड में भी हालात गंभीर हैं। केदारनाथ और यमुनोत्री जैसे तीर्थ स्थानों के रास्तों पर भूस्खलन ने यात्रियों को मुश्किल में डाल दिया है। यमुनोत्री मंदिर के पैदल रास्ते पर भूस्खलन में दो श्रद्धालुओं के लापता होने की खबर है, और उनकी तलाश में बचाव अभियान जारी है। मौसम विभाग ने देहरादून, टिहरी और नैनीताल जैसे जिलों में 27 से 30 जून तक भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
गुजरात में जलभराव, सूरत में रेड अलर्ट
गुजरात के कई हिस्सों, खासकर सूरत, अहमदाबाद और राजकोट में भारी बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। सूरत के निचले इलाकों में जलभराव के कारण कई गांव और कॉलोनियां पानी में डूब गई हैं। मौसम विभाग ने गुजरात के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें अहमदाबाद, अमरेली, द्वारका और पोरबंदर जैसे जिलों में मूसलाधार बारिश की चेतावनी दी गई है। प्रशासन ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की हैं, और लोगों से नदियों व निचले इलाकों से दूर रहने की अपील की है।
महाराष्ट्र में बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें
महाराष्ट्र में भी मानसून की बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। मुंबई और आसपास के इलाकों में लगातार बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बुलढाना जिले में कंचनगंगा नदी के उफान पर होने से मुंबई-नागपुर हाईवे पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है। बीएमसी ने अगले पांच दिनों तक भारी बारिश और हाई टाइड की चेतावनी जारी की है, जिसके चलते लोगों से सावधानी बरतने को कहा गया है।
दिल्ली-एनसीआर में उमस, मानसून की धीमी चाल
दिल्ली-एनसीआर में मानसून की गति अभी धीमी है। मंगलवार रात हुई हल्की बारिश के बाद उमस और गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है। मौसम विभाग ने 27 से 30 जून तक हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक के साथ तेज हवाओं का येलो अलर्ट जारी किया है। हालांकि, दिल्लीवासियों को अभी झमाझम बारिश का इंतजार है, जो उमस से राहत दिला सकती है।
उत्तर प्रदेश में मिली-जुली स्थिति
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर जैसे जिलों में रुक-रुककर हो रही बारिश ने गर्मी से कुछ राहत दी है, लेकिन बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रहने की बात कही है।
राजस्थान में भी बारिश का कहर
राजस्थान में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो चुका है। जयपुर, जोधपुर, बीकानेर और उदयपुर जैसे शहरों में भारी बारिश ने हालात को गंभीर बना दिया है। बांसवाड़ा, कोटा और भीलवाड़ा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, और कुछ इलाकों में अति भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। सड़कों पर जलभराव और भूस्खलन ने यातायात को प्रभावित किया है।
प्रभावित राज्यों में प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। हिमाचल और उत्तराखंड में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें संवेदनशील इलाकों में तैनात हैं। गुजरात और महाराष्ट्र में जलभराव से निपटने के लिए कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय हैं, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर केंद्र की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिया है।
मानसून की बारिश ने जहां कुछ राज्यों में गर्मी से राहत दी है, वहीं हिमाचल, उत्तराखंड और गुजरात जैसे राज्यों में यह तबाही का कारण बन रही है। दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में लोग बारिश का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी के मुताबिक अगले कुछ दिन चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। प्रशासन और नागरिकों को मिलकर इस स्थिति से निपटने की जरूरत है, ताकि जान-माल के नुकसान को कम किया जा सके।