राजधानी दिल्ली में एक बार फिर कोरोना वायरस के केश दर्ज हुए है। स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, शहर में एक 67 वर्षीय बुजुर्ग की कोरोना से मौत हो गई है। यह बुजुर्ग पहले से ही कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, जिसके कारण उनकी हालत और अधिक नाजुक हो गई। इस दुखद घटना के साथ ही दिल्ली में कोरोना से होने वाली मौतों की कुल संख्या अब 12 तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि बीते दिन दिल्ली में कोरोना के 33 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 121 मरीज इस बीमारी से ठीक भी हुए हैं। दिल्ली में कोरोना के 649 मामले सामने आए हैं।
कोरोना का खतरा: बुजुर्गो पर ज्यादा असर
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस का खतरा उन लोगों के लिए अधिक है, जो पहले से किसी बीमारी से पीड़ित हैं या जिनकी उम्र ज्यादा है। हाल ही में हुई इस मृत्यु में भी बुजुर्ग कैंसर से जूझ रहे थे, जिसके कारण उनका शरीर वायरस से लड़ने में कमजोर पड़ गया। डॉक्टरों का कहना है कि कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारी या कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को कोरोना का खतरा ज्यादा रहता है।
“कोरोना का असर अब पहले जितना खतरनाक नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम इसे हल्के में लें। खासकर बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। मास्क पहनना, भीड़-भाड़ से बचना और नियमित रूप से हाथ धोना अभी भी बहुत जरूरी है,” दिल्ली के एक बड़े डॉक्टर ने बताया।
स्वास्थ्य विभाग ने भी इस बात पर जोर दिया है कि कोरोना के लक्षण दिखने पर लोग तुरंत अपनी जांच कराएं। बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश या स्वाद और गंध की कमी जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। “जितनी जल्दी जांच होगी, उतनी जल्दी इलाज शुरू हो सकता है। इससे न सिर्फ मरीज की जान बचाई जा सकती है, बल्कि वायरस को दूसरों तक फैलने से भी रोका जा सकता है।
दिल्ली में कोरोना की हालत
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में कोरोना के मामले भले ही बढ़ रहे हों, लेकिन स्थिति अभी काबू में है। बीते दिन सामने आए 33 नए मामलों के साथ ही शहर में कुल मामलों की संख्या 649 हो गई है। राहत की बात यह है कि 121 मरीज ठीक भी हुए हैं, जो यह दर्शाता है कि ज्यादातर मरीजों में लक्षण हल्के हैं और वे होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि दिल्ली में टेस्टिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम तेजी से चल रहा है। “हम हर उस व्यक्ति की जांच कर रहे हैं, जो कोरोना पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आया हो। इसके अलावा, शहर के विभिन्न हिस्सों में रैंडम टेस्टिंग भी की जा रही है ताकि वायरस के प्रसार को शुरुआती स्तर पर ही रोका जा सके,
अस्पतालों की स्थिति की बात करें तो अभी दिल्ली के अस्पतालों पर कोई खास दबाव नहीं है। ज्यादातर मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है, और केवल गंभीर मामलों में ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। “हमारे पास पर्याप्त बेड, ऑक्सीजन और दवाइयां उपलब्ध हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम लापरवाही बरतें। अगर लोग सावधानी रखें तो हम स्थिति को और बेहतर रख सकते हैं।
वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज की अहमियत
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज है। दिल्ली में वैक्सीनेशन अभियान अभी भी जोर-शोर से चल रहा है। सरकारी और निजी केंद्रों पर मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध है, और लोगों से अपील की जा रही है कि वे समय पर अपनी वैक्सीन और बूस्टर डोज लें।