केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSC) ने 2026 की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए सिलेबस में बड़े बदलाव की घोषणा की है। इस बार पढ़ाई का तरीका और बच्चों का मूल्यांकन पहले से काफी अलग होगा। बोर्ड ने फैसला किया है कि अब लिखित परीक्षा के साथ-साथ प्रोजेक्ट-आधारित मूल्यांकन को भी ज्यादा महत्व दिया जाएगा। इस कदम का मकसद बच्चों को रटने की बजाय प्रैक्टिकल नॉलेज और क्रिएटिविटी को बढ़ावा देना है।

क्या है नया बदलाव?

CBSC के नए नियमों के मुताबिक, 10वीं और 12वीं के छात्रों को अब अपने सिलेबस का एक हिस्सा प्रोजेक्ट वर्क, ग्रुप डिस्कशन, और प्रैक्टिकल एक्टिविटी के जरिए पूरा करना होगा। अगर कोई बच्चा विज्ञान पढ़ रहा है, तो उसे किताबी ज्ञान के साथ-साथ छोटे-छोटे एक्सपेरिमेंट्स या मॉडल्स तैयार करने होंगे। इसी तरह, सामाजिक विज्ञान के छात्रों को लोकल कम्युनिटी से जुड़े प्रोजेक्ट्स या सर्वे करने का मौका मिलेगा। बोर्ड का कहना है कि इससे बच्चों की सोचने-समझने की क्षमता बढ़ेगी और वे असल जिंदगी की चुनौतियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार होंगे।


लिखित परीक्षा का वजन कम होगा

अब तक बोर्ड परीक्षाओं में लिखित पेपर का दबदबा था, लेकिन अब ऐसा नहीं रहेगा। नए सिलेबस में लिखित परीक्षा का वजन पहले के मुकाबले थोड़ा कम होगा। माना जा रहा है कि कुल अंकों का 20-30% हिस्सा प्रोजेक्ट वर्क और प्रैक्टिकल्स से आएगा। हालांकि, बोर्ड ने साफ किया है कि लिखित परीक्षा अभी भी जरूरी रहेगी, लेकिन इसका फॉर्मेट अब ज्यादा एनालिटिकल और एप्लीकेशन-बेस्ड होगा। यानी सवाल ऐसे होंगे, जो बच्चों की समझ आए।


छात्र और शिक्षक क्या कहते हैं?

दिल्ली के एक स्कूल की 12वीं की छात्रा रिया शर्मा ने बताया, "ये बदलाव अच्छा है। रटने से ज्यादा प्रोजेक्ट्स करने में मजा आता है। लेकिन स्कूल को भी इसके लिए अच्छी तैयारी करनी होगी।" वहीं, एक शिक्षक सुनील कुमार ने कहा, "ये सिस्टम बच्चों को क्रिएटिव बनाएगा, लेकिन टीचर्स को भी नए तरीके से पढ़ाने की ट्रेनिंग चाहिए।"


क्यों जरूरी था बदलाव?

CBSC के एक अधिकारी ने बताया कि नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत ये बदलाव किए जा रहे हैं। उनका कहना है कि आज की दुनिया में सिर्फ किताबी ज्ञान काफी नहीं है। बच्चों को स्किल्स और प्रैक्टिकल नॉलेज की जरूरत है, ताकि वे कॉलेज और जॉब के लिए तैयार हो सकें। बोर्ड ने ये भी कहा कि अगले कुछ महीनों में स्कूलों को गाइडलाइंस और ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि नया सिलेबस आसानी से लागू हो सके।


कब से लागू होगा?

नया सिलेबस 2025-26 के सेशन से लागू होगा। यानी अभी 9वीं और 11वीं में पढ़ रहे बच्चे अगले साल से इस बदलाव का हिस्सा होंगे। सीबीएसई ने स्कूलों से कहा है कि वे बच्चों और अभिभावकों को समय रहते इसकी जानकारी दे दें।


अभिभावकों की राय

कुछ अभिभावकों को ये बदलाव पसंद आ रहा है, तो कुछ चिंतित भी हैं। नोएडा के रहने वाले अजय सिंह ने कहा, "प्रोजेक्ट्स से बच्चों का दिमाग खुलेगा, लेकिन स्कूलों को ये सुनिश्चित करना होगा कि सभी बच्चों को बराबर मौका मिले।"

 सीबीएसई जल्द ही नया सिलेबस और प्रोजेक्ट गाइडलाइंस अपनी वेबसाइट पर जारी करेगा। साथ ही, बोर्ड ने स्कूलों से फीडबैक मांगा है, ताकि इस सिस्टम को और बेहतर बनाया जा सके।

 अगर आप भी अपने बच्चों के लिए इस नए सिलेबस को समझना चाहते हैं, तो सीबीएसई की ऑफिशियल वेबसाइट पर नजर रखें। ये बदलाव न सिर्फ पढ़ाई को रोचक बनाएंगे, बल्कि बच्चों के भविष्य को भी नई दिशा दे सकते हैं।