रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल ब्राजील में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से हिस्सा नहीं लेंगे। अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) द्वारा उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट के कारण उन्होंने यह फैसला लिया है। इसके बजाय, वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस सम्मेलन में शामिल होंगे। रूस का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे। इसके साथ ही खबर है कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी इस बार शिखर सम्मेलन में मौजूद नहीं होंगे।

12 साल में पहली बार पुतिन की अनुपस्थिति

यह पहला मौका है जब पिछले 12 सालों में पुतिन ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शारीरिक रूप से शामिल नहीं होंगे। ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच है, जहां उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देश वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करते हैं। पुतिन का यह फैसला उनके लिए एक असामान्य कदम माना जा रहा है, क्योंकि वह आमतौर पर इस तरह के बड़े आयोजनों में हिस्सा लेते हैं।


आईसीसी का गिरफ्तारी वारंट और आरोप

आईसीसी ने पुतिन के खिलाफ यूक्रेन से बच्चों को कथित तौर पर निर्वासित करने के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इस वारंट के कारण पुतिन के लिए उन देशों की यात्रा करना जोखिम भरा हो सकता है, जो आईसीसी के सदस्य हैं।लेकिन पुतिन ने कोई खतरा न लेते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल होने का निर्णय लिया। रूस ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए इन्हें आधारहीन बताया है। रूसी सरकार का कहना है कि यह पश्चिमी देशों की ओर से रूस को बदनाम करने की साजिश है।


शी चिनफिंग की अनुपस्थिति से बढ़ा सस्पेंस

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अनुपस्थिति ने भी इस शिखर सम्मेलन को लेकर चर्चाओं को और तेज कर दिया है। हालांकि, उनकी अनुपस्थिति के कारणों का अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। यह स्थिति ब्रिक्स के इस महत्वपूर्ण आयोजन को और भी खास बनाती है, क्योंकि दो प्रमुख नेताओं की गैरमौजूदगी से इसकी दिशा और प्रभाव पर सवाल उठ रहे हैं।


लावरोव करेंगे रूस का प्रतिनिधित्व

रूस की ओर से विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ब्राजील में शिखर सम्मेलन में मौजूद रहेंगे। लावरोव एक अनुभवी कूटनीतिज्ञ हैं और वह पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रूस का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उनकी मौजूदगी से रूस की ओर से ब्रिक्स में अपनी बात मजबूती से रखने की उम्मीद है।


ब्रिक्स का महत्व और भारत की भूमिका

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन वैश्विक अर्थव्यवस्था, व्यापार, और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा का एक बड़ा मंच है। भारत इस समूह का एक महत्वपूर्ण सदस्य है और इस बार भी भारतीय नेतृत्व की ओर से सक्रिय भागीदारी की उम्मीद है। यह शिखर सम्मेलन ब्राजील के लिए भी खास है, क्योंकि वह इस बार मेजबानी कर रहा है।

पुतिन और शी की अनुपस्थिति के बावजूद ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। वैश्विक आर्थिक चुनौतियां, जलवायु परिवर्तन, और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे विषय इस बार के एजेंडे में शामिल हो सकते हैं। पुतिन की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भागीदारी यह दिखाती है कि रूस इस मंच को कितना महत्व देता है, भले ही वह व्यक्तिगत रूप से मौजूद न हो।

इस शिखर सम्मेलन के नतीजे और इसकी दिशा पर सभी की नजरें टिकी हैं। क्या यह आयोजन ब्रिक्स के सदस्य देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करेगा, या नेताओं की अनुपस्थिति इसके प्रभाव को कम करेगी।