भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला 2 जुलाई से बर्मिंघम के एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड में शुरू होने वाला है। पहले टेस्ट में लीड्स में पांच विकेट से हार झेलने के बाद भारतीय टीम के लिए यह मैच बेहद अहम है, क्योंकि सीरीज में वापसी के लिए जीत जरूरी है। हालांकि, इस मुकाबले से पहले भारतीय खेमे में दो बड़ी चिंताएं सामने आई हैं, जो टीम इंडिया की राह को और मुश्किल बना सकती हैं। पहली, एजबेस्टन में भारत का टेस्ट क्रिकेट में जीत का सूखा, और दूसरी, स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को वर्कलोड मैनेजमेंट के चलते आराम दिए जाने की संभावना।

एजबेस्टन में भारत का निराशाजनक रिकॉर्ड

एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड भारत के लिए हमेशा से एक चुनौतीपूर्ण मैदान रहा है। भारतीय टीम ने इस मैदान पर अब तक सात टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन एक भी जीत हासिल नहीं की। छह बार हार और एक ड्रॉ के साथ भारत का रिकॉर्ड यहां निराशाजनक रहा है। 1967 में पहली बार भारत ने यहां टेस्ट खेला था, और तब से लेकर 2022 तक, हर बार इंग्लैंड ने भारतीय टीम को मात दी। खासकर 2011 में, भारत को पारी और 242 रनों से करारी हार मिली थी, जो एजबेस्टन में उसकी सबसे बड़ी हार थी। हालांकि, 2018 में भारत जीत के करीब पहुंचा था, जब इंग्लैंड ने महज 31 रनों से मैच जीता, लेकिन जीत की लकीर अभी भी भारत से दूर है।

इस बार भी भारतीय बल्लेबाजी ने पहले टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन गेंदबाजी में कमी साफ दिखी। ऐसे में, एजबेस्टन की पिच, जो आमतौर पर तेज गेंदबाजों को मदद करती है, भारत के लिए चुनौती बढ़ा सकती है।


जसप्रीत बुमराह को क्यों दिया जा रहा है आराम?

भारतीय टीम के लिए दूसरी बड़ी चिंता है स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति। खबरों के मुताबिक, बुमराह को वर्कलोड मैनेजमेंट के तहत दूसरे टेस्ट से आराम दिया जा सकता है। पहले टेस्ट में बुमराह ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहली पारी में पांच विकेट झटके थे, लेकिन दूसरी पारी में वे विकेट नहीं ले सके। इसके बावजूद, उन्होंने 44 ओवर गेंदबाजी की, जो किसी भी भारतीय गेंदबाज में सबसे ज्यादा थी। उनकी फिटनेस को देखते हुए टीम मैनेजमेंट कोई जोखिम नहीं लेना चाहता, खासकर तब जब बुमराह हाल ही में पीठ की चोट से उबरे हैं।

सवाल यह उठ रहा है कि जब पहले और दूसरे टेस्ट के बीच सात दिन का अंतर है, और बुमराह को दो दिन का आराम भी मिला, तो फिर उन्हें क्यों रेस्ट दिया जा रहा है? दरअसल, भारतीय टीम मैनेजमेंट और कोचिंग स्टाफ बुमराह की लंबे समय तक फिटनेस को प्राथमिकता दे रहा है। 2024-25 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान बुमराह को पीठ में चोट लगी थी, जिसके कारण वे तीन महीने तक मैदान से दूर रहे थे। ऐसे में, पांच टेस्ट की लंबी सीरीज में उनकी थकान और चोट के जोखिम को कम करने के लिए यह फैसला लिया गया है।


क्या कहते हैं दिग्गज?

बुमराह को आराम देने के फैसले पर कई दिग्गजों ने सवाल उठाए हैं। पूर्व भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा है कि सीरीज में 0-1 से पिछड़ने के बाद बुमराह को दूसरे टेस्ट में जरूर खिलाना चाहिए। उनका मानना है कि अगर भारत यह मैच जीतकर सीरीज को 1-1 से बराबर कर ले, तो तीसरे टेस्ट में बुमराह को आराम दिया जा सकता है। वहीं, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि बुमराह की फिटनेस को देखते हुए यह फैसला सही है, क्योंकि उनकी अनुपस्थिति में अन्य गेंदबाजों को अपनी काबिलियत साबित करने का मौका मिलेगा।

भारत के लिए दूसरा टेस्ट न सिर्फ सीरीज में वापसी का मौका है, बल्कि एजबेस्टन में जीत का सूखा खत्म करने का भी अवसर है। बुमराह की अनुपस्थिति निश्चित रूप से एक बड़ा झटका है, लेकिन यह अन्य गेंदबाजों के लिए खुद को साबित करने का मौका भी है। कप्तान शुभमन गिल और कोच गौतम गंभीर की रणनीति पर सबकी नजरें होंगी। क्या भारत बर्मिंघम में इतिहास रच पाएगा, या इंग्लैंड अपनी मजबूत स्थिति को और पक्का करेगा? यह देखना दिलचस्प होगा।