एयर इंडिया का एक यात्री विमान, फ्लाइट नंबर AI-171 टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद क्रैश हो गया। यह विमान, अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर रहा था। इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, और अब तक की जानकारी के अनुसार, विमान में सवार 242 लोगों में से केवल दो लोग ही जिंदा बच पाए हैं।
हादसे की पूरी जानकारी
जानकारी के मुताबिक, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान ने दोपहर 1:38 बजे उड़ान भरी थी। लेकिन उड़ान भरने के महज दो मिनट बाद, दोपहर 1:40 बजे, यह विमान अहमदाबाद के मेघानी नगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विमान हवा में असंतुलित हुआ और तेजी से नीचे आ गिरा। क्रैश के बाद विमान में आग लग गई, और आसमान में काले धुएं का गुबार छा गया। हादसे की जगह एयरपोर्ट के पास एक रिहायशी इलाका है, जहां विमान का एक हिस्सा बीजे मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स हॉस्टल की इमारत से टकराया। इस टक्कर से इमारत को भारी नुकसान पहुंचा, और वहां मौजूद 15 से ज्यादा डॉक्टर घायल हो गए।
शुरूआती जांच में बताया गया है कि विमान के इंजन में तकनीकी खराबी इस हादसे का कारण हो सकती है। पायलट ने टेकऑफ के तुरंत बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को "मेडे" कॉल दिया था, जो विमानन में आपातकालीन स्थिति का संकेत होता है। लेकिन इसके बाद विमान का संपर्क टूट गया, और वह क्रैश हो गया।
यात्रियों की नागरिकता की हुई पहचान
एयर इंडिया ने अपने आधिकारिक बयान में बताया कि विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर शामिल थे। इनमें 169 भारतीय नागरिक, 53 ब्रिटिश नागरिक, 7 पुर्तगाली नागरिक, और 1 कनाडाई नागरिक थे। यात्रियों में 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे, और 2 नवजात शामिल थे। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के भी सवार होने की खबर आई थी। कुछ सूत्रों ने उनके निधन की पुष्टि की, लेकिन आधिकारिक तौर पर अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।दो लोग जिंदा बचे
हादसे की भयावहता के बीच एक राहत की खबर यह है कि दो लोग जिंदा बच गए। अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक ने बताया कि सीट नंबर 11A पर बैठे एक भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक, रमेश विश्वास कुमार, को जिंदा निकाला गया। उनकी हालत गंभीर है, और उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा, एक अन्य यात्री को भी अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। हालांकि, अभी तक हादसे में मरने वालों की सटीक संख्या की पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक 204 शव बरामद किए जा चुके हैं।बचाव और राहत कार्य जारी
हादसे के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की छह टीमें, बीएसएफ की दो टीमें, और पश्चिमी रेलवे की आपदा प्रबंधन टीम घटनास्थल पर पहुंची। फायर ब्रिगेड की सात गाड़ियों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की। अहमदाबाद पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने भी बचाव कार्य में योगदान दिया। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया, जहां करीब 1200 बेड की व्यवस्था की गई है।गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घायलों के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने और अस्पतालों में तत्काल इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री और अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर से बात कर स्थिति की जानकारी ली और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
नेताओं और अधिकारियों की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा दुख जताया और ट्वीट कर कहा, "अहमदाबाद में हुई त्रासदी ने हमें स्तब्ध और दुखी कर दिया है। मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं।" उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू से बात की और राहत कार्यों की निगरानी के लिए अहमदाबाद रवाना होने को कहा।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और नेता राहुल गांधी ने भी हादसे पर शोक जताया और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से प्रभावित लोगों की मदद करने की अपील की। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा, "हादसे के दृश्य भयावह हैं। मेरी प्रार्थनाएं यात्रियों और उनके परिवारों के साथ हैं।" ब्रिटेन ने अपने नागरिकों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर (020 7008 5000) भी जारी किया है।
हेल्पलाइन नंबर
हादसे की जानकारी और परिजनों का हाल जानने के लिए कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं:एयर इंडिया हेल्पलाइन: 1800 5691 444
नागरिक उड्डयन मंत्रालय: 011-24610843, 9650391859
अहमदाबाद पुलिस: 07925620359
अहमदाबाद हवाई अड्डा: 9974111327, 079-23251900
अहमदाबाद में पहले भी हुए हैं हादसे
यह पहली बार नहीं है जब अहमदाबाद में विमान हादसा हुआ है। 19 अक्टूबर 1988 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-113 क्रैश हुई थी, जिसमें 133 लोगों की मौत हुई थी। उस हादसे में केवल दो लोग बचे थे। विशेषज्ञों का कहना है कि टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान विमान हादसे का खतरा सबसे ज्यादा होता है।देश और दुनिया भर से लोग इस हादसे पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। यह हादसा न केवल भारत के लिए, बल्कि उन सभी देशों के लिए एक बड़ा झटका है, जिनके नागरिक इस विमान में सवार थे। हमारी प्रार्थनाएं मृतकों की आत्मा की शांति और घायलों के जल्द स्वस्थ होने के लिए हैं।