सोने की कीमतों में हाल ही में आई भारी गिरावट ने निवेशकों और खरीदारों का ध्यान खींचा है। मल्टी कमोडिटी मार्केट (MCX) में सोने की कीमत में 2600 रुपये से अधिक की कमी देखी गई है, जबकि बुलियन मार्केट में भी कीमतें 2000 रुपये तक नीचे आई हैं। यह गिरावट वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिस्थितियों के कारण देखी जा रही है, जिसने सोने के बाजार में हलचल मचा दी है।

क्यों आई सोने की कीमतों में गिरावट?

सोने की कीमतों में इस कमी के पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है वैश्विक बाजार में अमेरिकी डॉलर की मजबूती। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर इंडेक्स में उछाल के कारण सोने की मांग में कमी आई है, क्योंकि सोना आमतौर पर डॉलर में मूल्यांकन किया जाता है। जब डॉलर मजबूत होता है, तो सोने की कीमतें दबाव में आती हैं। इसके अलावा, वैश्विक ब्याज दरों में बढ़ोतरी और शेयर बाजारों में तेजी ने भी निवेशकों का ध्यान सोने से हटाकर अन्य निवेश विकल्पों की ओर मोड़ दिया है।

घरेलू स्तर पर, भारत में सोने की मांग में मौसमी कमी भी इस गिरावट का एक कारण है। शादी-विवाह का सीजन खत्म होने के बाद ज्वैलरी की खरीदारी में कमी आई है, जिसने बुलियन मार्केट में कीमतों को प्रभावित किया है। साथ ही, सरकार द्वारा आयात शुल्क और कर नीतियों में हाल के बदलावों ने भी सोने की कीमतों पर असर डाला है।


मल्टी कमोडिटी मार्केट में क्या हुआ?

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में सोने की कीमतें हाल के दिनों में तेजी से गिरी हैं। शुक्रवार को सोने का अगस्त वायदा 71,500 रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे चला गया, जो पिछले सप्ताह की तुलना में 2600 रुपये से अधिक की कमी दर्शाता है। यह गिरावट उन निवेशकों के लिए झटका है, जो सोने को सुरक्षित निवेश मानते हैं।


बुलियन मार्केट का हाल

दूसरी ओर, बुलियन मार्केट में भी सोने की कीमतों में 2000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक की कमी दर्ज की गई है। दिल्ली के सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोने की कीमत 72,000 रुपये के आसपास चल रही है, जो पिछले महीने के 74,000 रुपये के स्तर से काफी कम है। ज्वैलर्स का कहना है कि इस गिरावट से उन ग्राहकों को फायदा हो सकता है, जो शादी या अन्य अवसरों के लिए सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं।


निवेशकों और खरीदारों पर असर

सोने की कीमतों में इस गिरावट का असर अलग-अलग तरह से देखा जा रहा है। जहां कुछ लोग इसे सस्ते में सोना खरीदने का सुनहरा मौका मान रहे हैं, वहीं निवेशकों में चिंता बनी हुई है। मुंबई के एक ज्वैलर, राहुल वर्मा, ने बताया, “पिछले कुछ दिनों में सोने की मांग थोड़ी बढ़ी है, क्योंकि लोग कम कीमतों का फायदा उठाना चाहते हैं। लेकिन बड़े निवेशक अभी इंतजार कर रहे हैं कि बाजार स्थिर हो।”

वहीं, सलहकारों का कहना है कि सोने में निवेश करने से पहले बाजार के रुझानों को समझना जरूरी है। दिल्ली के फाइनेंशियल एडवाइजर प्रदीप शर्मा ने कहा, सोना लंबे समय में हमेशा स्थिर रिटर्न देता है। मौजूदा गिरावट को देखकर घबराने की जरूरत नहीं है। अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो यह सही समय हो सकता है।


लोगों का मानना है कि सोने की कीमतों में यह गिरावट अस्थायी हो सकती है। वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव, जैसे कि इजरायल-ईरान के बीच बढ़ता तनाव, और आर्थिक अनिश्चितताएं फिर से सोने की मांग को बढ़ा सकती हैं। इसके अलावा, भारत में त्योहारी सीजन के नजदीक आने के साथ ही सोने की खरीदारी में तेजी की उम्मीद है।

सोने की कीमतों में यह गिरावट बाजार का हिस्सा है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले हफ्तों में कीमतें किस दिशा में जाती हैं। तब तक, खरीदारों और निवेशकों को सतर्क रहते हुए सूझबूझ से फैसले लेने चाहिए।